Menu
blogid : 12671 postid : 63

भावना

arya the king of own kingdom
arya the king of own kingdom
  • 65 Posts
  • 13 Comments

जिस व्यक्ति के मन में जैसे भाव होंगे उसके
विचार भी वैसे ही प्रकट होते हैं। जो मन के
भीतर चलता है वही बाहर दिखाई देता है।
उसी प्रकार हम लोगों को जो देते हैं वही हमें
मिलता है।
इस संसार में केवल सुकून की तलाश में घूमने
वाले को कभी सुख-शांति नहीं मिल पाती।
जिसके भाग्य में जो लिखा है उससे ज्यादा उसे
इस संसार में कुछ भी नहीं मिलने वाला है|
रास्ते में चलते समय जिसे सेवा की जरूरत है
उसे सेवा देकर ही आगे बढ़े। इससे काम बिगड़ते
नहीं बल्कि बिगड़े हुए काम भी बन जाते हैं। यह
भूल जाएं कि वह अमीर है, वह गरीब है, मैं सुंदर
हूं, मैं विद्वान हूं। मन में कभी भी मैं
की भावना आनी ही नहीं चाहिए। सभी को एक
समान देखना चाहिए। ऐसे संस्कारों को अपने
जीवन में किसी को धारण
ही नहीं करना चाहिए।

Tags:   

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply