arya the king of own kingdom
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आज शाम से बहुत दुखी हु…
मेरी शुरू से आदत रही है जब मन दुखित रहता है तो लिखने की…
चंद पंक्तिया लिखी है मैंने
आशा है आप सभी को पसंद आएगी
#मेरी छोटी सी शरारत से गुस्सा हो जाना
कहा का न्याय है…प्रियतमा
तुम्हे पता है मेरे बारे में हर चीज…
फिर ऐसे तड़पाना कहा न्याय है….प्रियतमा
सुबह की चाय तुम्हारे नाम की
फिर भी यू उलझाना कहा का न्याय है…प्रियतमा.
तुम्हे पता है मेरी तड़प …
फिर भी यू रूठ जाना कहा का न्याय है….प्रियतमा
तड़प -ये -इश्क़ की मुझसे अब सही नही जाती
अगर मेरी आवाज पहुच रही हो तेरे कानो तक
तो एक बार मुड़कर देख लेना मुझे मेरी प्रियतमा
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