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वो अपने कमरे में सिसक सी रही थी ।
करती भी क्या बेचारी ?
तरबूज वाली हालात थे उसकी ……..
नेहा नाम था उसका ।
बड़ी शांतचित स्वभाव की भोली लड़की थी वो
घरवालो के एकलौती थी ।
बारहवीं में अच्छे अंक प्राप्त करके
दिल्ली में डॉक्टर बनने की ख्वाइश लिये आई थी ।
माँ बाप ने अपनी सारी जमीं जायदाद बेच
हाथ पांव जोड़ बिटिया का नामांकन कॉलेज में करवा दिया था
पिताजी छोटी से दवाई दुकान चलाते थे
और माँ प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका थी
नई नई लड़कियों का शहरो में परेशां होना भी जायज था
शहर के ही किसी गर्ल्स हॉस्टल में जगह मिल गयी थी बिटिया को …
गांव की बिटिया को शहर कुछ अजीब सा लग रहा था
घुटन और उबाऊ !!!
लेकिन माँ बाप और सपने के बोझ तले दबी हुई मज़बूर लड़की जैसे-तैसे लड़खड़ाते हुए शहर में चल रही थी ।
रास्ते चलते लुक्खे नित्य दिन परेशान करते
फब्तियां कसते !
बिना जबाब दिए सर झुकाये वो बढ़ते रहती
डर पुरे खून में तीब्र गति में थी
यहाँ तक साथ चल रही लडकिया जो नई नवेली दोस्त भी थी
“तू तो मस्त माल है !
तभी तेरे पीछे पड़े है ये सब
दोस्ती कर ले खूब मजा करेगी
मेरा bf को देखती है न
कैसे मुझे सैर और मौज कराता है
मान मेरी बात
कर ले दोस्ती खूब मौज करेगी “
गांव की ये भोली लड़की ये सुन पानी पानी हो गयी थी ।
डर से बुरा हाल था
घर वालो को बताने से डर रही थी आखिर सपना टूट जाता डॉक्टर बनने का ।
किसी तरह रोती बिलखती वापस होस्टल आके बिलख -बिलख रो रही थी
अपना कोई था भी नही जो हाथ थाम ले ।
माँ बाप गांव में गर्व से सीना चौरी कर कहते फिर रहे थे
मेरी बिटिया डॉक्टर बनने गयी है
पुरे गांव का नाम रोशन करेगी
उन्हें असलियत थोड़े ही पता था कि उनकी बिटिया का शहर में पोस्टमार्टम हो रहा है
अभी बिटिया रानी रो ही रही थी
तभी साथ में रहने वाली तृषा कमरे में आई
तृषा : क्या हुआ जान ?
क्यों रो रही है ?
बिटिया और जोर जोर से रोने लगी
एक दो बार तृषा के पूछने पे अचानक गले लग रोने लगी ।
तृषा में शायद अपनापन दिख गया था बिटिया को …..
तृषा को हाल ये दिल सुना बैठी ।
तृषा ने ढाढस बढ़ाया और बोली अभी नई हो और अकेली हो
इसलिए परेशान कर रहे सब कोई bf बना लो फिर कोई नही फब्तियां कसेगा …
नेहा को दूसरा कोई रास्ता भी नही दिख रहा था वो राजी हो गयी ।
तृषा ने अपने bf समीर (आर्थिक सम्पन्न)को फोन किया और अपने दोस्त के साथ पास के कॉफी हाउस आने को बोल
तैयार होने लगी …..
गांव की परिधान में खुश रहने वाली नेहा को अपने टॉप और स्कर्ट पहना ले गयी ।
पहले से ही समीर और अमन वहाँ इनलोगो का इंतेजार कर रहे थे
पहुचते ही
हाय हेलू हुई
फिर 2 कप कॉफी का आर्डर किया गया
आईडिया अमन का ही था नेहा के साथ एक कप में ही पिने का
फिर क्या
एक घुट समीर तो एक घुट तृषा ….
इनलोगो कोई फर्क नही पड़ा ।
फर्क पड़ा तो नेहा को
कभी एक कप चाय में दो आदमी शेयर नही किये लड़की को फर्क पड़ना ही था
पी ले जान
शर्म कैसी bf है तेरा अमन
(वैसे चाहती तो तृषा भी थी कप शेयर को अमन के साथ
लेकिन समीर को ले मजबूर थी)
शर्म छोड़ मजे लो
न चाहते हुए भी
एक एक घुट मारते हुए अमन और नेहा ने कॉफ्फी शेयर किया ।
फिर क्या बदल गई नेहा
किसी शर्माने बाली नेहा आज bf के साथ बाइक राइडिंग करने लगी थी
अब वो शर्म और वो हया नही बची
धीरे धीरे प्यार परवान चढ़ रहा था
जिंदगी एन्जॉय करने लगे थे ये लोग
करते भी क्यों नही पहला पहला प्यार था
फिर लॉन्ग ड्राइव का प्लान बना
फिर क्या saturday को ही वीकेंड travelling पे जाने को घरवालो को भी बता के आर्डर ले चुकी नेहा तीनो के साथ कार से निकल पड़ी जयपुर गुलाबी शहर की ओर ।
तकरीबन सुबह ही 11 बजे जयपुर की आंगन में दाखिल हो चुकी थी
दाखिल लेते ही पहला टारगेट था
नाहरगढ़ की वादियों में सैर करना
फिर क्या नाहरगढ़ पहुच खूब इंजॉय किये
वहाँ से शाम को निकलने बाद
पेट में कूद रहे चूहे को शांत करने को एक रेस्टोरेंट में खाना खाएं ।
अब सवाल था रुके कहा फिर होटल खोजने निकले आख़िरकार सोडाला के पास एक होटल में डबल बेड का स्वितरूम बुक कीया गया
सब फ्रेश हुए फिर मानसरोवर गये
वहा कुछ कपडे ख़रीदे
घूम घाम के वापस होटल के जाने के लिए मुड़े रो रास्ते में गंगा जमुना के पेट्रोल पंप के पास अमन कार रुकवा शराब की दुकान की तरफ दौड़ा
कुछ देर बाद अमन हाथ में झोले में चार बियर और एक अंग्रेजी दारू की बोतल के साथ एक पेप्सी भी लाया था
नेहा चौक गयी
बाकि तीन तो बाक़िफ़ थे
थोड़ा आगे बढ़ने पे एक रेस्टोरेंट से अमन ने नॉनवेज पैक करवाया
नॉनवेज तो चारो खाते थे
लेके निकल पड़े सेंट्रल पार्क की तरफ
वहाँ बैठ सबने चिकन चिल्ली खाया
फिर कार के अंदर पैक चलने लगा
नेहा ने साफ मना कर दिया पिने को
उन तीनों ने पिया भी कोल्डड्रिंक आधा बचा था अभी और बोटल भी
रस्ते में अमन ने पेप्सी में बोटल साबधानी से उड़ेल दिया
फिर होटल पहुच सब फ्रेश हुए
फिर अमन ने कोल्डड्रिंक शेयर किया सबने थोड़ा थोड़ा लिया नेहा ने भी पीया
लिहाजा नशा चढ़ना ही था
मजाक में खूब पीलाया नेहा को
फिर कुछ ऐसा हुआ जो नही होना चाहिए था
यहाँ तक वीडियो भी बनाई गई नेहा की
गांव की इस भोली लड़की का बर्बादी शुरू हो चूका था
फिर आम बात हो गयी
वीडियो के बल पे कई बार नेहा को बेच भी गया
नेहा भी शहरी बन गयी थी
कुछ दिनों बाद तबियत खराब होने पे डॉक्टर के पास गई
नेहा को मालूम चला वो माँ बनने वाली है
फिर क्या नेहा ने अमन पे दबाब डालना शुरू कर दिया शादी के लिये
अमन ने शादी भी किया लेकिन घर नही ले गया
नेहा को प्रतिदिन बेचता रहा
तंग आकर नेहा घर की तरफ निकल पड़ी
सब बात माँ को बताई
माँ पे तो मानो आसमान टूट पड़ा
किसी तरह नेहा का अबोर्शन कराया गया
डॉक्टर बनने निकली नेहा बरबाद हो चुकी थी
बाप ने लड़का देख जल्दबाजी में शादी तय किया
कुछ महीनों शादी भी गई
सारे सपने टूट चुके थे
माँ बाप जिन्दा लाश हो गए
बिटिया चूल्हे में आंच फुक रही थी
सबकुछ खत्म हो गया था
न दौलत बची न इज्जत
बच गए तो वो टूटे सपने
जो रह रह के तड़पा रही थी
नेहा और उसके घरवालों को !!!!
(यह कहानी काल्पनिक है
इसका किसी से कोई लेना देना नही )
ये मेरी कल्पना मात्र रचना है जो बर्तमान से प्रेरित है
कुछ त्रुटि हो तो सुझाव दे
अगर किसी को टेस पहुची हो तो माफ़ी
आपकाा #गुलशन
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